तूॅं जहाॅं भी जाओगे सामने मुझे पाओगे.

'अमल हमारा कभी क़त्ल ओ ग़ारत का रहा नहीं 
अफसोस मेरे तहम्मुल को तुमने बुज़दिली जाना 
जो आ जाएं अगर हम अपने आन पे
बरसा देते हैं क़हर हम आसमान से.
जब हो जाए अहसास तुम्हें अपनी ग़लती का
आ जाना हम माद्दा भी रखते हैं माफ करने का.
~ राजीव रंजन प्रभाकर 
عمل ہمارا کبھی قتل وغارت کا رہا نہیں
افسوس میرے تحمیل کو تمنے بزدلی جانا۔
جو آ جایں اگر ہم اپنے آن پہ
برسا دیتے ہیں قہر ہم آسمان سے
ہو جائے جب احساس تمہیں اپنی غلتی کا 
آ جانا ہم مادہ بھی رختے ہیں معاف کرنےکا
~راجیو رنجن پربھاکر۔

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