कोचिंग पर अंकुश: एक अत्यंत सराहनीय कदम.
***सरकार एवं विभाग का एक अत्यंत सराहनीय कदम*** ************************************************** प्रदेश की जनता को इसका समर्थन करना चाहिए. शिक्षा जगत का इससे भला होगा. लेकिन इतना ही पर्याप्त नहीं होगा. इस निरंकुश व्यवसाय को अच्छे से नियंत्रित करने की आवश्यकता है जिसमें इन्हें शिक्षा हित में बंद कर देना तक भी शामिल होना चाहिए. अन्यथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को हम अभिभावकों एवं शिक्षकों को इन्हीं नामाकूल कोचिंग संस्थानों के हवाले छोड़ आराम करना पसंद हो तो कोई क्या करे? इनकी नजर गार्जियन के बटुए पर होती है. सरकारी स्कूलों में पढ़ाई न होते देख हालत यह है कि अब गरीब गुरबा तबका भी अपना पेट काटकर अपने बच्चों को इन्हीं कोचिंग में भेजने को मजबूर हैं. एक समय था जब सरकारी स्कूल हीं शिक्षण का मुख्य एवं महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था जहां से बच्चे पढ़कर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाते थे. भले ही तब ये विद्यालय छतविहीन थे, पर्याप्त वर्ग-कक्ष की कमी थी, शिक्षकों का वेतन कम था, अभिभावक आज-कल जितने शिक्षित भी नहीं थे तब भी शिक्षक पढ़ाते थे और छात्र इन्हीं साधनहीन विद्यालय में पढ...