अक्षय तृतीया
अक्षय तृतीया
****************************************
अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं ।
तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया ।
उद्दिश्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यै: ।
तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव ।। – मदनरत्न
****************************************
अर्थ : भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं-हे राजन! इस तिथि पर किए गए दान व हवन का क्षय नहीं होता है; इसलिए हमारे ऋषि-मुनियों ने इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहा है.
इस तिथि पर भगवानकी कृपादृष्टि पाने एवं पितरों की गति के लिए की गई विधियां अक्षय-अविनाशी होती हैं.
****************************************
Today whatever you do or have done towards the good & welfare of either yourself or your family or your neighborhood or your society or your country or the entire humanity; they stand to flourish without any decay.
***
So do good by your thoughts, words and deeds.
R.R.Prabhakar.
अक्षय तृतीया.
Comments