कुछ तो लोग कहेंगे; लोगों का काम है कहना

लोग क्या कहेंगे इस पर ध्यान न दें. 
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 लोग हमेशा आपको उससे कम हीं अच्छा समझेंगे जितने कि आप हैं और जितने बुरे आप हैं नहीं उससे भी ज्यादा बुरा वे आपको समझेंगे.
जिस किसी भी समाज जिसमें आप रहते हैं,उसका यह स्वभाव है.
इसमें किसी का कोई दोष नहीं है.
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इसलिए किसी को लाभ पहुॅंचाने की क्षमता यदि आपको ईश्वर ने नहीं दिया है तो बिना किसी को कोई नुक़सान पहुंचाने की नीयत रख सिर्फ अपने काम पर ध्यान दीजिए.
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याद रहे ईश्वर की अनुमति के बिना आपकी क्षमता,इच्छा और लाख प्रयास के बावजूद न किसी को लाभ पहुॅंच सकता हैं न हीं किसी को नुक़सान.
राजीव रंजन प्रभाकर 
०५.०५.२०१५.

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