एकता और एकजुटता

एकता और एकजुटता; क्या दोनों एक ही शब्द हैं? क्या दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं? यदि नहीं तो दोनों में क्या अंतर है?               

                 मेरा ध्यान इन शब्दों पर नहीं जाता यदि इन दो शब्दों का उल्लेख प्रधानमंत्रीजी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में नहीं किया होता.
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तत्काल मैंने भी वही किया जो आमतौर पर लोग करते हैं अर्थात् इंटरनेट की मदद. लेकिन इस मामले में वह भी कुछ खास कारगर साबित नहीं हो सका. मतलब ऐसा कोई स्पष्ट अंतर वहां मुझे नहीं मिल सका जो मुझे संतुष्ट कर सके. यदि कुछ ऐसा था भी तो यही कह सकता कि मुझे ठीक से समझ में नहीं आया.
 ऐसी स्थिति में व्यक्ति को स्वयं अपने हीं विवेक का सहारा लेना पड़ता है. इससे कम से कम ये होता है कि वह स्वयं को संतुष्ट कर सकता है भले ही दूसरे लोगों को वह समझ अपर्याप्त अथवा असम्बद्ध लगे तो यह कोई असामान्य बात नहीं है. 
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आज से पहले एकता शब्द के साथ प्रायः अखंडता शब्द को हीं प्रयुक्त होते मैने पाया था. हमारे संविधान की प्रस्तावना में भी "एकता और अखंडता" का हीं उल्लेख पाया जाता है. एकजुटता शब्द संविधान में कहीं उल्लिखित नहीं है. यदि "एकजुटता" की अंग्रेजी "solidarity" एक क्षण के लिए मान लिया जाए तो "solidarity" शब्द भी संविधान में नहीं है.
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 "एकता" का सम्बन्ध यदि किसी राष्ट्र के निवासियों से है तो अखंडता का सम्बंध अधिकांश में उस राष्ट्र के भू-भाग से है. इस तरह यदि ये दोनों शब्द संविधान की प्रस्तावना में प्रतिष्ठित किये गये थे तो वे अकारण नहीं थे. उनकी अपनी उपयोगिता एवं प्रासंगिकता है.
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मेरे विचार से एकजुटता जो है वह एकता की एक विशिष्ट अवस्था है. जब हम किसी लक्ष्य को साधने के लिए कमर कस के अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार तैयार हो जाते हैं तो वह हमारी एकजुटता कहलाएगी. वह लक्ष्य भी कुछ ऐसा हो कि उसे पाना किसी एक के प्रयास से सम्भव न हो. कहने का आशय वह लक्ष्य बड़ा हो, भारी हो किन्तु समवेत प्रयास से साध्य हो किन्तु लगे प्रथमदृष्टया असाध्य.

बड़े-बड़े लक्ष्य की प्राप्ति महज़ एकता भाव रखने मात्र से नहीं होती. ऐसे मामले में "एकता" necessary condition हो सकती है किन्तु sufficient नहीं.  
"एकजुटता" से अपना सर्वश्रेष्ठ देकर हीं उन बड़े लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है जिससे देश में सामर्थ्य सृजन होता है.
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि "Unity in Action" की एक उत्कृष्ट अवस्था "एकजुटता" है.यह पूर्वनिश्चित लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में संगठित रुप (organised way) में एक तरह की कार्यशील एकता (functional unity) है.
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"एकजुटता" का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण मेरी दृष्टि में यह हो सकता है कि जब लंका विजय हेतु जब भगवान श्रीराम ने वानरों के साथ प्रस्थान किया तो मार्ग में महान विघ्नरूप उपस्थित समुद्र को उन वानरों ने अपना सर्वश्रेष्ठ देकर किस "एकजुटता" का परिचय दिया कि उन्होंने उस विशाल समुद्र की छाती पर ही सेतु निर्माण कर डाला.यह वानरों की "एकजुटता" थी जिन्होंने हंसी-खेल में हीं उस विशाल समुद्र को मर्यादित(limited) कर दिया.
भगवान श्रीराम की सांगठनिक क्षमता क्या थी; इसकी झलक मात्र समुद्रोल्लंघन की चर्चा मात्र से हो जाती है. विशेष कुछ कहने की आवश्यकता हीं नहीं है. सेतु निर्माण वानरी "एकता में एकजुटता" का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है जिसमें कोई न छोटा था न बड़ा. एक मामूली गिलहरी से लेकर नल-नील जैसे अभियंता सभी अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार योगदान देते हुए---------और उल्लेख की बात ये कि सभी पर स्वामी का स्नेह समान! 
ऐसे अलौकिक प्रेम के वशीभूत होकर तो कोई क्या न कर दे! बिना हीं किसी वेतन या पारिश्रमिक के विशाल ब्रिज तैयार जिसकी पुष्टि नासा भी कर चुका है. 
नासा (NASA)की चर्चा करना जरूरी तो नहीं किंतु ऐसा तर्कप्रवण एवं बुद्धिवादियों को विश्वास दिलाने के लिए किया जा रहा है जो श्रद्धा-विश्वास के सहारे चलना अपमानजनक समझते हैं और सबकुछ विज्ञान की कसौटी पर कसने हेतु अहर्निश अधीर रहते हैं.  
                तो ये एकजुटता का प्रभाव है जो बहुतों के लिए चमत्कार से कम नहीं है. इससे बड़े-बड़े कार्य सामान्य जीवन में भी होते देखे गए हैं.
   
                   सारांशत: "एकजुटता" "एकता" का कार्यरूप हैं.
    
                   उपरोक्त अर्थ/भाव से इतर भी कुछ यदि चिंतन के फलस्वरूप उभर कर आये तो उन्हें ज्ञानवर्धन के निमित्त उद्घाटित किये जाने का आग्रह है.
                        कृष्णाष्टमी की अशेष शुभकामनाएं.
राजीव रंजन प्रभाकर.
१९.०८.२०२२.

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