एक इम्तिहानी वाकिया
आज पूरे शहर का मानो माहौल हीं दूसरा है,आज से इंटरमीडिएट का इम्तिहान जो शुरू है.पूरे शहर में कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों का जुटना जारी है. कोई ऑटो-रिक्शा से परीक्षा केंद्र पर पहुंच रहा है तो कोई पैदल. ऐसे केंडिडेट की तादाद भी कुछ कम नहीं थी जिन्हें मोटरसाइकिल या फोरव्हीलर से उनके भाई, पिताजी,रिश्तेदार या फिर कोई करीबी दोस्त लेकर आ रहे थे. परीक्षार्थियों की उम्र क्या कहिए!ये तकरीबन 18-20 वर्ष के हीं तो हैं जो पूरी दुनिया को मुठ्ठी में कर लेने को बेताब नज़र आ रहे हैं.
ट्रैफिक बढ़ने से वक्तन-क-वक्तन सड़क जाम की सूरतेहाल पैदा हो जा रही थी जो पास में ही ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक सिपाही के लिए सर दर्द से कम नहीं था.
एक्जाम-सेन्टर के सदर दरवाजे से लगातार अनाउंसमेंट का सिलसिला चालू है. फिलवक्त मेन गेट तो बंद था,बांकि मुख्तसर हिदायतें लगातार दी जा रही थी.मसलन-"सभी केंडिडेट को आगाह किया जा रहा है कि वे इम्तिहान हाल के भीतर किसी भी तरह का चिट-पू्र्जा, मोबाइल, कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान लाने से बाज़ आयेंगे;गरचे इम्तिहान के दरम्यान इसके इस्तेमाल वो पकड़े जाने पर परीक्षा सेआइंदा तीन साल के लिए अपनी मुअत्तली अलावे बतौर सजा छः महीने की जेल वो हर्जाना तय मान कर चलें. तलाशी ड्यूटी पर तैनात हजरात से गुजारिश है कि पूरी तलाशी वो मुत्मइन होने के बाद ही कि किसी के भी पास ऐसी चीजें नहीं है,सेंटर के भीतर दाखिल होने की इजाजत दें." वगैरह-वगैरह.
तयशुदा वक्त पर स्कूल का सदर दरवाजा खुलता है, लड़कों को कतार में फ्रिस्किंग से गुजारे जाने के बाद आहिस्ता-आहिस्ता दाखिल होने की इजाजत दी जा रही है.
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हूं, चोरी कर रहे थे!शरम नहीं आती? जैसे ही मजिस्ट्रेट साहब जो मुआएने में तशरीफ़ लाए थे,के मुंह से ये बात निकली, सभी मानो उस लड़के पर टूट पड़े. लड़के की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई. सामने मजिस्ट्रेट साहब और उनके साथ उनकी हां में हां मिलाते कई साहिबान. फिर तलाशी शुरू.
देखिए सर कितना शातिर है! कालर के अंदर ये चिट का पूर्जा छिपाकर रखा था. तभी तो!मुझे तो शक्ल से ही चोर लग रहा था.
लड़का का रंग काला था किन्तु बहुत काला भी नहीं.लंबा,शरीर दुबला तथा शकल सूरत से कोई देहात से आया मालूम पर रहा था.
बोलो क्यों चोरी कर थे? पढ़ाई क्यों नहीं किया? तमाम सवालात.
सर, माफ कर दीजिए.अब नहीं करेंगे.सर,कालेज कोरोना की वजह से तकरीबन पूरे साल बंद रहा. कोई पढ़ाई नहीं हो रही थी, फिर मेरे पास कोई स्मार्टफोन भी वैसा नहीं था जो आनलाइन क्लास हम कर पाते. पिताजी मनरेगा में काम करते हैं.कभी-कभी हम भी उनके साथ काम करने चले जाते हैं,सर.
उसका आत्मविश्वास से ये सब कहना सभी को अखड़ रहा था.
सर!ये लड़का शकल से गंवार तो है ही, ढ़ीठ भी मालूम पड़ता है. एक तो चोरी करते पकड़ा गया है और जबान लड़ा रहा है. अपने चोरी को जायज़ ठहरा रहा है. सेंटर सुपरिटेंडेंट ने बात मिलाते हुए कहना शुरू किया.
हवलदार साहब इस लड़के को अपने तहवील में अब ले लीजिए- सेंटर सुपरिटेंडेंट ने मजिस्ट्रेट साहब के सामने हीं लड़के की कापी पर बड़े हर्फ में "RUSTICATED" लिखते हुए हवलदार को बुलाया.
अचानक मजिस्ट्रेट साहब का मोबाइल बज उठता है. कोई खास नम्बर रहा होगा.गोया देखते हीं एकांत की गरज में थोड़ी दूर हट बातें करते हैं.
"तुम निहायत ही बेवकूफ हो! तुम्हें कितनी बार मैंने कहा है कि ये सब बातें फोन पर नहीं की जाती हैं.पता नहीं तुम्हें कब अक्ल आयेगी.अच्छा सुनो! अभी जितना दे रहा है,रख लो.बांकी एक सप्ताह में पहुंचाने का हिदायत कर दो.देखो! हम अभी बिजी हैं, लौटते हैं तो साइन कर देंगे."
लड़के को पुलिस थाना हाजत ले जाने के लिए गाड़ी में बैठा चुकी थी. लड़का थाना की गाड़ी में बैठा नजरें नीची किए कुछ सोच रहा था.
मजिस्ट्रेट साहब भी तेजी से अपनी जीप पर बैठ गये थे,जीप के बाहर निकलने के लिए सदर फाटक फौरन खुल चुका था.
(The writer of the above lines doesn't support use of unfair means in examination.)
राजीव रंजन प्रभाकर.
०१.०२.२०२१.
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