उपेक्षा और अनदेखी का परिणाम.


किसी की नज़र से उपेक्षा करना/जानबूझ कर अनदेखी करना भविष्य में स्वयं से अधिक प्रभुत्वसम्पन्न से अपनी हीं उपेक्षा एवं अनदेखी को सुनिश्चित करना है. 
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उपेक्षा-अनदेखी पाप कर्म की श्रेणी में आता है. इस पाप का परिणाम यदि 
 अपमान के रूप में प्राप्त हो तो कोई आश्चर्य नहीं.
~R.R. Prabhakar.




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