भारत का संविधान: अवसर एवं चुनौतियां.

R.R.Prabhakar 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान लागू हुआ था।अभी दो साल पहले की बात है जब मौजूदा सरकार ने यह निर्णय लिया कि प्रत्येक वर्ष नवम्बर माह की 26 तारीख को समूचे देश मे संविधान दिवस के रूप में मनाया जाय। तभी से हमलोगों ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। पहले तो यह सिर्फ जनरल नालेज की किताबों मे सिमटा हुआ था जिससे सरोकार कम्पीटीशन की तैयारी करने वाले छात्रों का ही मोटे तौर पर था। सरकार का यह कदम सराहनीय है। हममे से प्रत्येक का यह कर्तव्य है कि हम अपने शासन प्रणाली को जाने।इसके लिए संविधान एवं उसके विभिन्न पहलुओं की समझ को बढ़ाना न केवल नागरिक हित में है बल्कि राष्ट्रहित मे भी है।हमारा संविधान उस समय के योग्य से योग्यतम भारतीय प्रतिभा के संयुक्त एवं निष्ठापूर्ण प्रयास का प्रतिफल है।साथ हीं उनकी नीयत भी साफ थी।सभी का उद्देश्य एक था कि कैसे इस देश का पुनर्निर्माण हो जहां सभी को यह अहसास यथार्थ मे हो कि उसके हित की अनदेखी कर यह निर्माण नहीं हो रहा है। इसलिए संविधान इस निर्माण की रुपरेखा तय करने वाला एक दस्तावेज बना जो देशवासी को वह सबकु...