ग़लती और माफी
आज के दौर की सबसे अजीब बात ये है कि हमें अपनी भूल या ग़लती का अहसास होने के बावजूद हमारा अहंकार हमें माफी मांगने से रोक देता है. माफी मांगना हम अपनी तौहीन समझते हैं. नुकसान झेलना ज्यादा मुफीद मालूम पड़ता है. शायद पहले ऐसा नहीं होता था. हमें पता होना चाहिए कि दिल की गहराई से मांगी गई एक छोटी सी माफी हमें स्वयं को पहले की अपेक्षा न केवल ऊंचा उठा देती है बल्कि यह हमें जाने-अनजाने में हुई अपनी भूल या ग़लती से उत्पन्न प्रतिकूलता से रक्षा भी करती है. क्षमा मांग कर हम अपने भीतर के अहंतत्व का परिष्कार करते हैं; सम्बन्धों को सहज बनाते हैं. लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं है कि हम गलती करते रहें और माफी मांगने की आदत को अपने स्वभाव में शामिल कर निकलते बनें.तब इसे apology driven strategy हीं कहा जाएगा. ************************************************** ...