Posts

Showing posts from March, 2023

ग़लती और माफी

आज के दौर की सबसे अजीब बात ये है कि हमें अपनी भूल या ग़लती का अहसास होने के बावजूद हमारा अहंकार हमें माफी मांगने से रोक देता है. माफी मांगना हम अपनी तौहीन समझते हैं. नुकसान झेलना ज्यादा मुफीद मालूम पड़ता है. शायद पहले ऐसा नहीं होता था. हमें पता होना चाहिए कि दिल की गहराई से मांगी गई एक छोटी सी माफी हमें स्वयं को पहले की अपेक्षा न केवल ऊंचा उठा देती है बल्कि यह हमें जाने-अनजाने में हुई अपनी भूल या ग़लती से उत्पन्न प्रतिकूलता से रक्षा भी करती है.              क्षमा मांग कर हम अपने भीतर के अहंतत्व का परिष्कार करते हैं; सम्बन्धों को सहज बनाते हैं.              लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं है कि हम गलती करते रहें और माफी मांगने की आदत को अपने स्वभाव में शामिल कर निकलते बनें.तब इसे apology driven strategy हीं कहा जाएगा. **************************************************                                             ...

मोर्निंग वाक

मोर्निंग वाक ******************************************************* हम- देखू; अहाॅं भोर में टहलल करु. आलस करनाय नीक गऽप नहिं. ओजन सेहो अहाॅं केर बढ़ल जा रहल ये. अहाॅं के हमर गऽप नै सोहाय ये तऽ कम से कम अप्पन स्वास्थ्य केर तऽ चिंता अहाॅं के अवश्य करऽक चाही. ओ(तमैकत)-कि कहलिय? हम्मर weight बढ़ल जाय छै?अहाॅं अप्पन ओजन'क चिंता करु. बुझलिय नै! हमरा बेसी ज्ञान नै दिय.  हम- हम अप्पन ओजन'क चिंता करैत छी तैं न हम भोरे उठि टहलाब'क लेल निकैल जायत छी.अहूं टहल'ल करु. ओ- हमरा पास कोनो अहाॅं जों कऽ टहलै वला जूत्ता अछि जे हमहूॅं अहाॅं जों कऽ मोर्निंग वाक लेल वाकिंग शू पहिर कऽ छमैक कऽ घर से निकलू. हम-अच्छा इ बात. हमरा एकर तऽ ख्याले नै छल. आइये सांझ में आफिस से घूरैत काल हम अहाॅं लेल सेहो एकटा स्टेंडर कम्पनी के लेडीज वला वाकिंग शू नेने आयब. ******************************************************* हम- उठू नै ये,छ बाजि गेल. आब तऽ अहाॅं लेल जूत्तो आबि गेल. छतो पर कम से कम टहलय नै जायब कि? ओ-नै हम नै जायब. अहाॅं जाउ अपन स्वास्थ्य बनाबऽ लेल. दोसर दिन- हम-उठू नै. आइयो नै टहलै जाय के मोन ये कि?...

Apropos of tact or talent.

It was a usual cellphonic conversation with my daughter who lives away from me in the course of her studies.  My daughter asked me. Papa! Which is more important? Tact or talent? I answered with least hesitation- Presentation is very important. It matters considerably in one's success or failure. ******************************************************* Whereas presentation in matters of conversation/communication is more a matter of skills than knowledge, it is knowledge that has an upper hand over skill in respect of writing.  A person proficient in presentation skills knows how well to hide or compensate for one's deficiency in knowledge. He is expert in using knowledge to his advantage. But where you are judged by your mere writing,a good presentation without an element of knowledge may be misleading.Without content,it serves as a ruse. At best it's a paper flower sans fragrance.  It is not unusual to see an unsuccessful one yet being meritorious but devoid of presentat...

सबहिं नचावत राम गोसाईं

सबहिं नचावत राम गोसाईं ****************************************************** जरा स्वयं पर और अपने आस-पास चल रहे गतिविधि यों पर तात्विक एवं अर्थपूर्ण दृष्टि डालें. ****************************************************** कहीं दिन है तो कहीं रात कोई जाग रहा है तो कभी सो रहा है. कोई हॅंस रहा है तो अगले दिन रो रहा है. कोई ख़ुशी से निहाल है तो अगले हीं पल क्रोध से कठोर वचन बोले जा रहा है. कोई कूद रहा है तो दूसरे दिन कराह रहा है  कोई गप कर रहा तो कुछ देर बाद झगड़ रहा है. अपने बच्चे को कोई दुलार रहा है तो अगले हीं पल डांट या पीट दे रहा है. कोई मंदिर जा रहा है तो कोई मस्जिद. कोई गुरूद्वारा तो कोई गिरजाघर. कोई खा रहा है तो कोई खिला रहा है. कोई डाकू साधु बन गया है तो कहीं वही साधु डाकू. कोई व्यास गद्दी पर बैठ "ब्रह्म सत्य: जगत मिथ्या" जैसी बातें कह प्रवचन दिए जा रहा है तथा वही कुछ देर बाद पर्दे के पीछे से चढ़ावा में आए रूपए का सख्ती से हिसाब ले रहा है. न जाने और भी क्या क्या कर रहा है. कोई जा रहा है तो कुछ देर बाद लौट रहा है. कोई महल में रह रहा है तो कोई झोंपड़ी में. कोई किसी को"दौ...