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Showing posts from September, 2024

उपेक्षा और अनदेखी का परिणाम.

किसी की नज़र से उपेक्षा करना/जानबूझ कर अनदेखी करना भविष्य में स्वयं से अधिक प्रभुत्वसम्पन्न से अपनी हीं उपेक्षा एवं अनदेखी को सुनिश्चित करना है.                                     *** उपेक्षा-अनदेखी पाप कर्म की श्रेणी में आता है. इस पाप का परिणाम यदि   अपमान के रूप में प्राप्त हो तो कोई आश्चर्य नहीं. ~R.R. Prabhakar.

रामकथा की महिमा

रामकथा भारतीय संस्कृति का प्राणाधार है.  इसका श्रवण व्यक्ति और समाज दोनों के दोष एवं दुर्गुणों को दूर करने में परम सहायक है. इसका यदि सतत् सुचिंतन किया जाय तो समस्त दोष और दुर्गुण धीरे-धीरे भस्म होते चले जाते हैं.  यह रामकथा हमारी सनातन संस्कृति में इस तरह से रची बसी है कि अपनी भारत भूमि में प्रत्येक दिन कहीं न कहीं इस कथा का आयोजन होता ही रहता है. राग,द्वेष,ईर्ष्या एवं मलिन प्रतिस्पर्धा से भरे इस समाज में व्यक्ति का आचरण रामचरित्र के अनुसार यदि थोड़ा सा भी हो जाए तो उसके हृदय को अनिर्वचनीय शांति पहुॅंचती है; व्यक्ति का जीवन उत्तरोत्तर सार्थक होता चला जाता है.   रामकथा की महिमा अपरम्पार है. कविकुलतिलक गोस्वामी तुलसीदास जी भी इस रामकथा की महिमा को समग्रता में वर्णन करने में स्वयं को असमर्थ हीं पाये.       उपमा-उपमेय का सहारा लेकर हीं वे रामकथा की महिमा का किंचित अंश में हीं दिग्दर्शन करा पाने में समर्थ हो सके.                                *** रामकथा के संदर्भ में गोस्...