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Showing posts from February, 2021

हे नारायण!

हे नारायण! आपसे एक विनती है प्रभु. आप मेरी कभी परीक्षा नहीं लेना. परीक्षा से मुझे बहुत घबराहट होती है. जहां तक मैं स्वयं को जान और परख पाया हूं, मुझे पता है कि यदि आप कड़ाई से मेरी परीक्षा लेंगे तो उस परीक्षा में मैं निश्चित ही फेल कर जाऊंगा. परीक्षा का विषय चाहे ज्ञान हो, भक्ति हो, कर्म हो, कर्तव्य हो,विवेक हो; कुछ भी क्यों न हो!  ऐसा नहीं है कि आपने इनकी तैयारी करने का मुझे अवसर और पर्याप्त समय नहीं दिया; नाथ! इसमें सारी गलती मेरी ही है जो मैंने इस समय को व्यर्थ हीं मनोविनोद में तथा दूसरे-दूसरे कार्यों जो मेरे हीं काम, क्रोध और लोभ से उत्पन्न थे,को करने में नष्ट कर दिया.  अब तो आपकी कृपा का हीं सहारा बचा है,प्रभु! साधारण शैक्षणिक परीक्षा में भी कमजोर छात्र को परीक्षक कृपांक (grace marks) देकर पास कर देते हैं. इसलिए भगवन्! आपको भी मेरी परीक्षा लेना यदि बहुत जरूरी हीं लगे तो हे कृपानिधान! आपकी परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए मुझे grace marks आपको देना हीं होगा ताकि कम से कम मैं Subjectly Pass हो पाऊं! वैसे मैंने ये भी सुना है जिस पर आपकी अहैतुकी कृपा होती है, उसे आप बिना प...

Democracy Sans Discipline.

Your liberty to swing your arms ends where my nose begins-J.S. Mill. In a democratic system people choose through elections the government of their choice. If not satisfied with the government they have the power to change it through the same process of elections.  If a section of population begins to feel that the government is callous to its demands what are the choices they can exercise without being able to change the government?  It should be open to exploration. Only condition should be that  the ways and means so explored must result in peace and harmony.           But certainly not the following could be the ways or means or the choice as being taken recourse to in the name of exercise of democratic rights.  * Is it right to remain on the roads by making the latter a veritable place of residence, ploughing & cultivation, entertainment and what not in the name of peaceful protests and dharna?  **Is it right to ride thousands o...

एक इम्तिहानी वाकिया

आज पूरे शहर का मानो माहौल हीं दूसरा है,आज से इंटरमीडिएट का इम्तिहान जो शुरू है.पूरे शहर में क‌ई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों का जुटना जारी है. कोई ऑटो-रिक्शा से परीक्षा केंद्र पर पहुंच रहा है तो कोई पैदल. ऐसे केंडिडेट की तादाद भी कुछ कम नहीं थी जिन्हें मोटरसाइकिल या फोरव्हीलर से उनके भाई, पिताजी,रिश्तेदार या फिर कोई करीबी दोस्त लेकर आ रहे थे. परीक्षार्थियों की उम्र क्या कहिए!ये तकरीबन 18-20 वर्ष के हीं तो हैं जो पूरी दुनिया को मुठ्ठी में कर लेने को बेताब नज़र आ रहे हैं.  ट्रैफिक बढ़ने से वक्तन-क-वक्तन सड़क जाम की सूरतेहाल पैदा हो जा रही थी जो पास में ही ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक सिपाही के लिए सर दर्द से कम नहीं था. एक्जाम-सेन्टर के सदर दरवाजे से लगातार अनाउंसमेंट का सिलसिला चालू है. फिलवक्त मेन गेट तो बंद था,बांकि मुख्तसर हिदायतें लगातार दी जा रही थी.मसलन-"सभी केंडिडेट को आगाह किया जा रहा है कि वे इम्तिहान हाल के भीतर किसी भी तरह का चिट-पू्र्जा, मोबाइल, कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान लाने से बाज़ आयेंगे;गरचे इम्तिहान के दरम्यान इसके इस्तेमाल वो पकड़े जाने पर परीक्षा सेआइंदा तीन साल क...